शनिवार, 28 फ़रवरी 2015

खाली पन्नों पर लिखी प्रेम कहानी

जब मैं इसपर लिखकर तुम्हें एक लंबा सा ख़त भेजूँगा,
समझना दिल भेजा है।
थोड़ी देर उलटपुलट कर देखना
वहीं कहीं हम दोनों की तस्वीर भी धड़क रही होगी।

तुम हमेशा मेरे दिल में इसी तरह रही हो।
मैं भी वहीं अबोले तुम्हें ताकता रहा हूँ। इससे बेहतर तुम्हें पुकार नहीं सकता,
इसलिए सुन लेना मेरी आहिस्ता से ली हुई साँस।

समझ जाऊँगा, तुमने भी इसी तरह अपना ख़त भेजा है।

फ़िर एकबार हम अदला बदली कर एकदूसरे के पास जा पहुँचे हैं।
तुम मेरे पास हो, मैं तुम्हारे पास हूँ।

ऐसे हम दोनों एक दूसरे से अलहदा होने तक पास हैं।
हम ऐसे ही जब पास होते हैं, तब नहीं रहते इतने पास।
बस झाँकते रहते अंदर खिड़की के बाहर।

इस तरह हम किसी खाली पन्ने पर लिखी गयी प्रेमकहानी हैं।
पर नहीं चाहता हमारे बीत जाने से पहले कोई हमें पढ़ जाये।

इसलिए बाकी बातें चाँद पर
तुम्हारा, सिर्फ़ तुम्हारा!

25/02/2015